Included in the UGC-CARE list (Group B Sr. No 172)

अलविदा २०१०

अलविदा ऐ जाते हुए साल...
तेरे हर लम्हेका शुक्रिया
मुझे भरपूर ज़िन्दगी देने के लिए
तुने बहोत कुछ दिया...
कुछ नए दोस्त
कुछ खुशीके पल
कुछ भीगे लम्हे...
कुछ कविताए
कुछ तस्वीरे ख़ुशी के लम्हे समेटे
रिश्तों की हलकी धुप
थोड़ी शर्दी...
थोडा जुकाम
थोडा बुखार
और इन सब से ऊपर
ज़िन्दगी को चकित करने वाला अंदाज़
तुझे अगर याद हो
मैंने तुम्हारे स्वागत में कहा था
तुझे हर रोज चकित करती रहूंगी...
आज ख़ुशी से चकित हूँ!
के तुम्हे किया वादा निभा पाई
बिता हर पल जैसे उत्सव
मना पाई...
तेरे साथ बिता वक़्त याद रहेगा...
फिर लौटना तू मेरी यादोमें
बस इतना वादा कर जाते जाते...
अलविदा ऐ जाते हुए साल...
तेरे हर लम्हेका शुक्रिया...

मयुरिका अनिल, अहमदावाद | दिसंबर २७, २०१०